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टूटी नालियां,उखड़ी जालियां और नाकारा हैण्डपम्प दे रहे तकलीफ

टूटी नालियां,उखड़ी जालियां और नाकारा हैण्डपम्प दे रहे तकलीफ


-वार्ड पंचों और ग्राम पंचायत को नहीं कोई सरोकार
बिजौलियां(जगदीश सोनी)।कस्बे के वार्ड 18 में छोटा दरवाजा के पास चंबल परियोजना की पाइप लाइन डालने की वजह से  क्षतिग्रस्त हुई नालियों की  मरम्मत करीब 3 माह गुजर जाने के बाद भी नहीं करवाए जाने से वार्डवासी और यहां से गुजरने वाले वाहन चालक परेशान हैं।विदित हैं कि चंबल परियोजना की पाइप लाइन डालने के दौरान खोदी गई कस्बे की सड़कें   महीनों तक खस्ताहाल पड़ी रही थी।परेशान लोगों द्वारा शिकायतें, विरोध और मीडिया में लगातार खबरें आने के बाद चंबल परियोजना ठेकेदार द्वारा कस्बेवासियों पर तरस खा कर सड़कों की आधी-अधूरी मरम्मत करवाने की जहमत उठाई गई थी।लेकिन टूटी हुई नालियों की मरम्मत को लेकर ठेकेदार और ग्राम पंचायत अभी भी मौन साधे हुए हैं। इन नालियों पर बिना सीमेंट में पैक करवाए डाली गई लोहे की जालियां भी मुसीबत का सबब बनी हुई  हैं।लोहे की इस  जाली के आए दिन नाली में गिर जाने से  कचरा इकट्ठा हो कर नालियां जाम हो जाती हैं।सफाई कर्मचारियों को भी रोजाना भारी-भरकम जाली को उठा कर नाली की सफाई करने की अतिरिक्त मशक्कत  करनी पड़ती हैं।कई बार ध्यान चूक जाने से  दुपहिया वाहन चालक इन जालियों की वजह से गिर कर चोटिल हो चुके हैं।सफाई कर्मियों की पीड़ा यह भी हैं कि गीला कचरा उठाने के लिए इन्हें दी गई लोहे की छोटी ट्रॉलियां भी लंबे अरसे से टूटी हुई हैं।कई बार मिन्नतों के बाद भी ग्राम पंचायत द्वारा न तो इन्हें ठीक करवाया जा रहा हैं और न ही नई ट्रॉली दी जा रही हैं।इसके चलते मजबूरी में कचरे को उठाने के बजाय जलाना पड़ता हैं।
      इसी वार्ड में एक नाकारा हैण्डपम्प भी हैं जो नल नहीं आने पर अपने शीतल-मधुर जल से आसपास के वार्डों के बाशिंदों के हलक तर किया करता था,लेकिन दुर्भाग्य से  यह हैण्डपम्प पिछले 2 सालों से खराब पड़ा हैं।  गर्मी के मौसम में लोगों की प्यास बुझाने वाले इस हैंडपंप को 'अनारकली' की तरह दीवार में चिनवा कर  नेस्तनाबूद करने की कोशिश से पहले ही इसे दुरुस्त करवा दिया जाए तो ठीक रहेगा।
   वार्डवासियों द्वारा अनगिनत बार सम्बंधित वार्ड पंचों और ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों को नाली-जाली और हैंडपंप की समस्या से अवगत करवाया जा चुका हैं।चूंकि ग्राम पंचायत 'बड़े' विकास कार्यों में व्यस्त हैं इसलिए इन मामूली समस्याओं पर ध्यान दे ही दे ये कोई जरूरी नहीं हैं।रही बात वार्ड पंचों की तो ये भी इन नालियों-जालियों, रोड लाइट,सफाई जैसी छोटी-मोटी समस्याओं के लिए थोड़े ही चुनाव लड़ कर पंचायत में  जाते हैं।इन्हें भी कई 'बड़े' काम करने रहते हैं।सो इनका भी कुसूर  काबिले माफी ही हैं।कस्बे में  चर्चा तो ये भी हैं कि  मनमाफिक विकास कार्य उन वार्ड पंचों के  वार्डों में ही   होते  जो चहेते हैं।बाकी के 'बगावती'  वार्ड पंच तो 5 साल तक 'ठरीके' ही खाते  रहो।खैर,वैसाख का महीना चल रहा हैं,ग्राम पंचायत चाहे तो  इन समस्याओं का निपटारा कर लोगों की दुआएं और पुण्य कमा सकते हैं।

इनका कहना हैं-
"एक टीम कस्बे के खराब पड़े हैंडपंपो को ठीक करने में लगातार जुटी हुई हैं।वार्ड 18 में स्थित हैंडपंप भी एक-दो दिन में ठीक करवा दिया जाएगा।"
  -सर्वेश चौधरी,एईएन, जलदाय विभाग

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