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हरी शेवा उदासीन आश्रम में कार्तिक पूर्णिमा का पर्व मनाया गया।

हरी शेवा उदासीन आश्रम में कार्तिक पूर्णिमा का पर्व मनाया गया।

 बिजयनगर (रामकिशन वैष्णव)  भीलवाड़ा हरीशेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर में सोमवार को बड़े उत्साह उमंग के साथ कार्तिक पूर्णिमा का पर्व मनाया गया। महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम जी ने बताया कि सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है, इसे देव दीपावली के रूप में भी मनाया जाता है। त्रिपुर राक्षस के वध पर देवताओं ने इस दिन संध्या के समय दीपावली की तरह ही दीप जलाए थे इसीलिए इसे देव दीपावली भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि, कार्तिक पूर्णिमा को गंगा स्नान पाठ पूजा दीपदान हवन यज्ञ आदि करने से सांसारिक पाप नष्ट हो जाते हैं और इस दिन अन्न धन, वस्त्र आदि दान करने से अनन्त गुना फल मिलता है। 
आश्रम में प्रातः काल पूजा अर्चना एवं हवन कर पुलाव एवं हलवा प्रसाद हरीशेवा के अन्नूर्णा रथ द्वारा निराश्रितों के लिए वितरित किया गया। साँय काल में आश्रम परिसर में दीप जलाये  एवं  महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम जी उदासीन द्वारा सत्संग प्रवचन किया गया। कार्तिक मास में आश्रम में चल रहीं कार्तिक की कथा के समापन पर  भोग प्रसादी की गई। इस अवसर पर हरीशेवा आश्रम के संत मायाराम, संत राजाराम, संत गोविंदराम, ब्रह्मचारी मिहिर सहित अनेक भक्तों ने सत्संग का लाभ लिया।

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