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सेक्टर तथा पुलिस अधिकारी निर्वाचन प्रक्रिया की महत्वपूर्ण कड़ी- नमित मेहता

सेक्टर तथा पुलिस अधिकारी निर्वाचन प्रक्रिया की महत्वपूर्ण कड़ी- नमित मेहता

 

भीलवाड़ा, पेसवानी | जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि प्रजातंत्र में स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव से महत्वपूर्ण और क्या हो सकता है, इसलिए चुनाव प्रक्रिया की शुचिता बनाए रखने में आपका योगदान महत्वपूर्ण है।


यह बात जिला निर्वाचन अधिकारी श्री नमित मेहता ने आगामी लोकसभा  चुनाव 2024 के दौरान नियुक्त किये जाने वाले सेक्टर अधिकारियों एवं पुलिस अधिकारियों की निपुणता एवं दक्षता के लिए शनिवार को नगर परिषद टाउनहॉल में आयोजित द्वितीय प्रशिक्षण के दौरान कही। 


जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि चुनाव की व्यवस्थाओं के संबंध में अनेक दायित्व सेक्टर तथा पुलिस अधिकारियों को सौंप जाते हैं। इसलिए सौंपे हुए कार्य को गंभीरता तथा जिम्मेदारी के साथ निर्वहन करना है। उन्होंने कहा कि  सेक्टर अधिकारी एवं पुलिस अधिकारी चुनाव प्रक्रिया के आंख, कान तथा हाथ पैर हैं इसलिए इस कार्य को निष्ठापूर्वक निर्वहन करें। श्री मेहता ने कहा कि विधानसभा चुनाव 2023 को संपन्न कराने में भी आपकी भूमिका रही इसी प्रकार शांतिपूर्ण तथा सफलतापूर्वक लोकसभा चुनाव करवाना है। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के अद्यतन निर्देशों कानूनों एवं नियमों की जानकारी देने तथा इन कानूनों, नियमों एवं निर्देशों में निपुणता एवं दक्षता लाने के उद्देश्य से इस प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। सभी इस प्रशिक्षण को गंभीरता से लेते हुए अपनी विभिन्न शंकाओं का समाधान कर लेवें। उन्होंने बीएलओ सहित स्थानीय अधिकारियों के साथ संपर्क कर सामंजस्य रखने की बात कही। इस दौरान 212 सेक्टर अधिकारी तथा 191 पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। अतिरिक्त जिला कलक्टर श्रीमती वंदना खोरवाल ने प्रशिक्षण का जायजा लिया।

 

प्रशिक्षणार्थियों को पीपीटी के द्वारा उन द्वारा किए जाने वाले कार्यों के बारे में बारीकी से समझाया गया। सहायक प्रभारी अधिकारी श्री नारायण जागेटिया (अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक), सीबीईओ श्री अब्दुल शाहिद शेख ने सेक्टर अधिकारियों के लिए चेक लिस्ट, नियुक्ति एवं प्रशिक्षण, दी जाने वाली सामग्री, सेक्टर अधिकारियों को दिये जाने वाले परिपत्र, सेक्टर अधिकारियों के कर्तव्य एवं दायित्व, सेक्टर अधिकारियों द्वारा रिपोर्टिंग, मतदाताओं, जनप्रतिनिधियों, फीडबैक, रिपोर्टिंग, अति-संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करना, अति-संवेदनशील क्षेत्रों में विश्वास बहाली के कार्य करना, अति-संवेदनशीलता के कारक तत्वों की पहचान करना, सूचना के स्रोत की गोपनीयता बनाये रखना, दबंगों के विरुद्ध निरोधात्मक कार्यवाही आदि के बारे में जानकारी दी गई।

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