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जीनगर दम्पति ने की मृत्यु उपरांत देहदान की घोषणा

जीनगर दम्पति ने की मृत्यु उपरांत देहदान की घोषणा

बिजौलियां(जगदीश सोनी)।कस्बा निवासी सेवा निवृत्त एएसआई प्रेमचंद जीनगर और उनकी पत्नी शांता देवी जीनगर ने मृत्युपरांत देहदान की घोषणा की हैं।विगत 26 फरवरी को जीनगर दम्पति ने भीलवाड़ा के राजमाता विजयाराजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज के एनोटॉमी विभाग में देहदान  सम्बन्धी घोषणापत्र की कार्यवाही  पूरी की।वहां से 3 मार्च को दोनों को डाक द्वारा देहदान रजिस्ट्रेशन कार्ड भेजे गए हैं।प्रेमचंद जीनगर ने बताया कि देहदान महादान हैं।मृत्यु के उपरांत देह के राख होने के बजाय मेडिकल स्टूडेंट्स इसका अध्यन (डिस्सैक्शन) प्राप्त कर कुशल डॉक्टर बने  और  दूसरों का जीवन बचाएं। इसी उद्देश्य को लेकर परिवार की सहमति से देहदान की घोषणा की हैं।जीनगर का कहना हैं कि इससे और लोगों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए ताकि अपना मृत शरीर किसी को जिंदगी देने के काम आ सके।ज्ञातव्य हैं कि प्रेमचंद जीनगर धार्मिक कार्यों में आस्था व सहयोग के साथ ही सामाजिक सरोकार और मानव सेवा में भी सदैव अग्रणी रहे हैं।इनके द्वारा स्थानीय सामुदायिक चिकित्सालय में नवजात बच्चों के उपचार में काम आने वाले उपकरण,मरीजों के लिए व्हीलचैयर व तीमारदारों के बैठने के लिए लोहे की बेंचे भेंट की गई। कोरोना काल में असहायों के भोजन के लिए एक माह की पेंशन देने के साथ ही चिकित्साकर्मियों को फेस शील्ड व सेनेटाइजर समेत कई जरूरी चीजें भेंट की गई थी।साथ ही कस्बे के दो धार्मिक स्थलों पर वाटर कूलर मय फिल्टर व पानी की मोटर भी लगाई गई हैं।जरूरतमंदों को भोजन करवाने के लिए बनी असहाय सेवा समिति में भी जीनगर का तन-मन-धन से सहयोग रहा था।

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