'धर्मांतरित ईसाई एवं मुसलमान हड़प रहे अनुसूचित जनजातियों की सुविधाएँ '
रविवार, 10 जुलाई 2022
बिजौलियां(जगदीश सोनी)।जनजाति सुरक्षा मंच की बैठक नला का माता जी में संपन्न हुई।सुरक्षा मंच के जिला संयोजक रामचंद्र भील ने कहा कि यह देशव्यापी आंदोलन सड़क से संसद और सरपंच से सांसद तक का अभियान है। आम जनजाति के संवैधानिक अधिकारों के लिए आदिवासी ही इस देश की संस्कृति और सभ्यता के रक्षक है भारत का संविधान न्याय और कल्याण के लिए कई प्रावधान करता है। एक और जहां अनुसूचित जाति हेतु महामहिम राष्ट्रपति ने जब सूची जारी की तब धर्मांतरित इसाई एवं मुसलमानों को अनुसूचित जाति में सम्मिलित नहीं किया गया। वहीं दूसरी और, अनुसूचित जनजातियों की सूची में उक्त दोनों धर्मांतरितों के लोग बाहर नहीं करके जनजाति में सम्मिलित रखे गए। मूल रूप से यह एक भारी विसंगति हैं। आज भी । इस क्रम में राजस्थान में 5500 जनजाति ग्रामों में संपर्क किया जाकर 14 जिले में जिला सम्मेलन आयोजित किए हैं जो लोकतांत्रिक तरीके से संघर्ष को आगे बढ़ाएगा। समाज के प्रमुख हिरालाल भील ने भी इस बारे में विचार रखा। सुरक्षा मंच के भगीरथ भील ने कहा कि धर्मांतरित व्यक्तियों को संवैधानिक लाभ नहीं मिलना चाहिए।सभी लोगो ने इस अभियान को सफल बनाने हेतु प्रतिज्ञा की और राष्ट्रपति महोदय से अनुच्छेद 342 में संशोधन हेतु मांग की।अंत में दिनेश भील ने आभार व्यक्त किया। इस गोष्टी में हितेंद्र सिंह राजोरा, कैलाश धाकड़, भगीरथ भील, प्रधान प्रतिनिधि सोरती लाल,प्रभुलाल भील, मांगीलाल भील मौजूद रहे।