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हीरे जैसा जीवन है, जिसे मनुष्य कौड़ियों में गंवा रहा है= महामंडलेश्वर हंसाराम उदासीन!

हीरे जैसा जीवन है, जिसे मनुष्य कौड़ियों में गंवा रहा है= महामंडलेश्वर हंसाराम उदासीन!

 बिजयनगर (रामकिशन वैष्णव)  भीलवाड़ा  हरि शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर भीलवाड़ा के महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने न्यू जर्सी अमेरिका में सुरेश-काजोल खटवानी के निवास पर सत्संग प्रवचन किया। सत्संग में सर्वप्रथम जगत्गुरु आचार्य श्री श्रीचंद्र जी की पूजा कर अपने गुरुजनों की पूजा अर्चना की। महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम जी ने कहा कि हीरे जैसा जन्म है कोड़ी बदले जाये। अर्थात् मनुष्य का जीवन वि उसकी एक एक श्वास अनमोल है परंतु वो इसका सदुपयोग नहीं करता। अज्ञानता के कारण इसे कोड़ियों में गंवा रहा है।
स्वामी जी ने अपने सत्संग में ईश्वर एवं अपने सत्गुरुओं को धन्यवाद देते हुए मुहिंजा मिठडा राम शुकुर अथई भजन गाया एवं कामना की, कि जिस तरह से अब तक सुख का वक़्त गुज़ारा है उसी तरह आगे का जीवन भी सुखी हो। व नाम, ध्यान, ज्ञान, शान, मान, दान, देने की प्रार्थना की। उन्होंने सत्संग को हमेशा प्रेम एवं शांति से सुनने को कहा ताकि गुरु के द्वारा दी हुई सीख को हम सदैव याद रखें इवन उसकी पालना कर सकें। पत्रकार पंकज आडवाणी ने बताया कि उक्त सत्संग सुरेश - काजोल अंजना एवं कृषि खटवानी के निवास पर आयोजित किया गया। इसमें माता लक्ष्मी खटवानी, भ्राता हरीश खटवानी, राजेश खटवानी एवं उनका परिवार, किंगर परिवार, हेमराजानी परिवार, मुरझानी परिवार, पारदासानी परिवार, अमरनानी परिवार सहित अनेक भक्तों ने हिस्सा लिया।

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