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विजन 2030 जिला स्तरीय हितधारक कार्यशाला आयोजित

विजन 2030 जिला स्तरीय हितधारक कार्यशाला आयोजित


 चित्तौडगढ़, कैलाश चन्द्र सेरसिया। चिकित्सा क्षेत्र में परिवर्तन के लिए दस्तावेज निमार्ण हेतु राजस्थान विजन दस्तावेज-2030 के तहत् चिकित्सा विभाग का हितधारक परामर्श कार्यक्रम गुरूवार को जिला ग्रामीण विकास अभिकरण सभागार में हुआ।

जिला प्रभारी निदेशालय जयपुर से डॉ 
पुरुषोत्तम सोनी, उप राज्य क्षयरोग अधिकारी, सीएमएचओ चित्तौडगढ डॉ रामकेश  गुर्जर, मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी  की उपस्थिति में आमंत्रित सदस्यों ने खुलकर अपने विचार रखे और  2030 तक चिकित्सा क्षेत्र में मूल भूत आवश्यकताओं पर अपने विचार रखें। 

सीएमएचओ डॉ रामकेश  गुर्जर ने  बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और बदलाव के क्षेत्र में दस्तावेज बनाने के लिए विचारो का आदान-प्रदान होना अहम होता है।  सभी विचारों को संकलित किया जाकर निदेशालय भेजा जाएगा। वहां से पूरे राज्य के विजन को संकलित किया जाएगा, इसके पश्चात राज्य सरकार द्वारा विजन के अनुसार नीतियो के अनुरूप क्रियान्वयन किया जावेगा। 

उन्होंने बताया कि 2030 तक चिकित्सा विभाग में क्या अहम बदलाव किए जा सकते है, जिससे आमजन में चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार हो, इसका विशेष ध्यान रखते हुए डॉक्यूमेंट्री तैयार की जाएगी। डब्ल्यूएचओ भी इन विचारो पर अमल करेगा।

कार्यशाला में डॉ प्रमोद तिवाडी प्रिन्सिपल मेडिकल कॉलेज चित्तौडढ, डॉ दिनेश्  वैष्णव पीएमओ, श्रीमति प्रियंका पालीवाल, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति ने भी अपने विचार व्यक्त किये। 
अभी तक हुऐ चिकित्सा क्षैत्र के आधारभूत संरचनाओ व सेवाओं में सुधार की जानकारी दी। 
विनायक मेहता, जिला कार्यक्रम प्रबंधक एनएचएम द्वारा प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रस्तुतीकरण के माध्यम से वर्तमान सरकार के द्वारा चिकित्सा के क्षैत्र में हुई प्रगति एंव उपलब्धियो के बारे में बताया।   
सीएमएचओ व जिला प्रभारी डॉ पुरूषोत सोनी ने बताया कि प्रतिभगीयो से प्राप्त अधिक व्यू आये है जिन्हे लागू करने से ग्रामस्तर पर चिकित्सा सेवाएं किस तरह सहज रूप से मिल सकती है।       

इस दौरान स्वंय सेवी संस्थान, निजी चिकित्सालयो, महिला एंव बाल विकास विभाग, सामाजिक अधिकारीता विभाग, आर्थिक एंव सांख्यिकी विभाग, एंव  आयुर्वेद, सीएसआर प्रतिनिधि, केमिस्ट एसोसियेशन, 
पेंशनर्स समाज के प्रतिनिधियो, आईएमए के सदस्यो सहित अधिकारी-कर्मचारी और गणमान्य नागरिक ने भाग लिया और अपने सुझाव प्रेषित किए।

कार्यशाला  की सफल व्यवस्थाओं को शफीक ईकबाल शेख, डॉ मुनेष बैरवा, राजेन्द्र खटीक, दिग्विजय, सिह, खुषवन्तु कुमार हिण्डोनिया, अनिल शर्मा, देवीलाल भील ने संभाला।

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