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पितृ पक्ष में श्री भागवत कथा सुनने से अतिशय पुण्य की प्राप्ति होती है। = श्री दिव्य मोरारी बापू

पितृ पक्ष में श्री भागवत कथा सुनने से अतिशय पुण्य की प्राप्ति होती है। = श्री दिव्य मोरारी बापू

गुलाबपुरा (रामकिशन वैष्णव) स्थानीय सार्वजनिक धर्मशाला में  श्रीदिव्य चातुर्मास सत्संग 
महामहोत्सव में श्री देवी भागवत जी के समापन के बाद शनिवार से 
पितृपक्ष के पावन अवसर पर पाक्षिक श्रीमद्भागवत ज्ञानयज्ञ कथा की शुरुआत हुई। श्री मद्भभागवत कथा मे
कथा व्यास-श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर श्री दिव्य मोरारी बापू  ने प्रथम दिन श्रीमद्भागवत महापुराण का माहात्म्य बताते हुए कहा कि
स्वयं श्री भगवान् के मुख से ब्रह्मा जी के प्रति कथित भागवत माहात्म्य का वर्णन किया गया है।
जो मनुष्य प्रतिदिन भागवत पुराण का पाठ करता है, उसे एक-एक अक्षर के उच्चारण के साथ कपिला गोदान देने का पुण्य होता है।
जो प्रतिदिन भागवत के आधे श्लोक या चौथाई श्लोक का पाठ अथवा श्रवण करता है उसे एक हजार गोदान का फल मिलता है।
जो प्रतिदिन पवित्र चित्त होकर भागवत के एक श्लोक का पाठ करता है, वह मनुष्य अठारह पुराणों के पाठ का फल पा लेता है। जिसके घर में एक श्लोक, आधा श्लोक अथवा श्लोक का एक ही चरण लिखा रहता है, उसके घर में भगवान कहते हैं कि- मैं निवास करता हूं।
पितृ पक्ष में भागवत सुनने से अतिशय पुण्य की प्राप्ति होती है।कथा में श्री दिव्य सत्संग मंडल के आयोजक घनश्यामदास जी महाराज, संत्सग मंडल अध्यक्ष अरविंद सोमाणी, एडवोकेट विजय प्रकाश शर्मा, कैलाश सोनी, सुभाष जोशी सहित श्रद्धालुगण मौजूद थे।

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