हरियाली तीज पर "हरियालो राजस्थान" अभियान के अंतर्गत चित्तौड़गढ़ जिले में 6 लाख पौधों का सफलतापूर्वक रोपण
रविवार, 27 जुलाई 2025
चित्तौड़गढ़, 27 जुलाई (कैलाश चंद्र सेरसिया)। प्रदेश में पर्यावरण संतुलन, हरियाली संरक्षण एवं जनभागीदारी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे "हरियालो राजस्थान" अभियान के तहत हरियाली तीज के अवसर पर आज चित्तौड़गढ़ जिले में 6 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसे पूर्ण सफलता के साथ प्राप्त किया गया।
इस वृहद पौधारोपण कार्यक्रम में वन विभाग, पंचायत राज विभाग, शिक्षा विभाग, नगर परिषद, नगर पालिका, सभी ब्लॉक स्तर की प्रशासनिक इकाइयों, ग्राम पंचायतों तथा औद्योगिक संस्थानों ने समन्वित रूप से भागीदारी निभाई। ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्रों तक यह अभियान व्यापक स्तर पर आयोजित किया गया, जिसमें अधिकारी, कर्मचारी, स्कूली बच्चे, सामाजिक संगठन, स्वयंसेवी संस्थाएं एवं आमजन सक्रिय रूप से जुड़े।
विविध प्रकार के पौधों का रोपण
अभियान के अंतर्गत फलदार, छायादार एवं औषधीय पौधों का चयन करते हुए क्षेत्र की जलवायु एवं भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप रोपण किया गया। इनमें आम, नीम, पीपल, बरगद, आंवला, करंज, अर्जुन, तुलसी, सहजन जैसे बहुउपयोगी पौधों को प्राथमिकता दी गई। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण होगा, बल्कि आर्थिक और औषधीय दृष्टि से भी स्थानीय समुदाय को लाभ मिलेगा।
*जनजागरूकता एवं सहभागिता*
पौधारोपण कार्यक्रम के साथ-साथ आमजन को पर्यावरण संरक्षण के महत्व, पौधों की देखभाल, जल संरक्षण, और हरियाली बढ़ाने के दीर्घकालिक लाभों के प्रति जागरूक किया गया। "एक व्यक्ति, एक पौधा – उसकी देखभाल हमारी जिम्मेदारी" जैसे संदेशों के माध्यम से लोगों को पौधारोपण के साथ भावनात्मक रूप से भी जोड़ा गया।
*राज्य सरकार का दीर्घकालिक लक्ष्य*
"हरियालो राजस्थान" अभियान के अंतर्गत चित्तौड़गढ़ जिले में कुल 17 लाख पौधों के रोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य की पूर्ति हेतु आगामी दिनों में भी विभिन्न चरणों में पौधारोपण कार्यक्रम जारी रहेंगे। जिला प्रशासन द्वारा सभी विभागों को उनके स्तर पर क्षेत्रवार टारगेट निर्धारित कर, कार्ययोजना के अनुरूप क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
*स्थायित्व के लिए अपनाई जा रही विशेष रणनीति*
पौधारोपण के साथ-साथ संरक्षण और संवर्धन की दिशा में भी विशेष पहल की जा रही है। लगाए गए प्रत्येक पौधे को सुरक्षा गार्ड, ट्री गार्ड, पानी की नियमित व्यवस्था, और निगरानी हेतु नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं। विद्यालयों, पंचायतों एवं स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों को 'संरक्षक संस्था' के रूप में जोड़ा गया है, ताकि हर पौधा जीवित रह सके और वृक्ष में परिवर्तित हो।
. *जिला प्रशासन का आह्वान*
जिला कलक्टर श्री आलोक रंजन ने जिलेवासियों से अपील की है कि वे "हरियालो राजस्थान" अभियान को केवल एक सरकारी कार्यक्रम न मानकर जन आंदोलन बनाएं। उन्होंने कहा कि वर्तमान जलवायु संकट और पर्यावरणीय असंतुलन से निपटने के लिए वृक्षारोपण सबसे सशक्त उपाय है। यदि हर नागरिक एक पौधे की जिम्मेदारी ले, तो आने वाले वर्षों में चित्तौड़गढ़ को हरियाली से परिपूर्ण और स्वच्छ पर्यावरण वाला जिला बनाया जा सकता है।
*निगरानी एवं मूल्यांकन की विशेष व्यवस्था*
जिले में लगाए गए पौधों की निगरानी हेतु डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित किया जा रहा है। ग्राम पंचायतों एवं शहरी निकायों को प्रतिदिन की रिपोर्टिंग के निर्देश दिए गए हैं। अभियान के पश्चात सर्वे के माध्यम से पौधों के जीवित रहने की दर का भी आंकलन किया जाएगा।