
सात घंटे चली गिनती, सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में खुला भंडार
श्री धनोप माता मंदिर के दानपात्र से निकली श्रद्धा की मिसाल, डेढ़ माह में एकत्रित हुए 24 लाख 51 हजार रुपए
सात घंटे चली गिनती, सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में खुला भंडार
फूलियाकलां (भीलवाड़ा)।
जिले के प्रमुख शक्तिपीठों में शुमार श्री धनोप माता मंदिर में एक बार फिर श्रद्धालुओं की आस्था ने एक नया कीर्तिमान रच दिया। सोमवार को मंदिर के दानपात्र को श्रद्धालु और मंदिर समिति की उपस्थिति में खोला गया। इस दौरान कुल ₹24,51,393 की नकद राशि प्राप्त हुई। यह राशि मंदिर में बीते डेढ़ माह के दौरान श्रद्धालुओं द्वारा भेंट स्वरूप अर्पित की गई थी।
दानराशि की गिनती का कार्य सुबह आरंभ होकर दोपहर 2 बजे तक चला। मंदिर कमेटी अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह राणावत ने बताया कि गिनती की प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता और मंदिर ट्रस्ट के नियमों के तहत संपन्न किया गया। गिनती में कुल सात घंटे का समय लगा, जिसके दौरान ट्रस्टीगण व स्थानीय श्रद्धालु लगातार मौजूद रहे।
पूर्व में भी बड़ी राशि प्राप्त
मंदिर प्रशासन के अनुसार इससे पहले 26 मई 2024 को दानपात्र खोला गया था, जिसमें ₹22.08 लाख की राशि प्राप्त हुई थी। इस प्रकार, महज डेढ़ महीने में दानपात्र से ₹2.43 लाख अधिक की राशि प्राप्त हुई, जो भक्तों की बढ़ती आस्था और मंदिर की लोकप्रियता का प्रतीक है।
कौन-कौन रहा उपस्थित
दानपात्र खुलवाने व गिनती प्रक्रिया के दौरान मंदिर कमेटी अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह राणावत, हेमेंद्र सिंह राणावत, रमेश चंद्र पंडा (सचिव), कैलाश चंद्र पंडा, प्रदीप पंडा, महेश चंद्र जोशी, सुनील पालड़ेचा, लालाराम माली, रामधन गुर्जर सहित कई गणमान्य नागरिक, भक्तगण और ग्रामवासी उपस्थित रहे।
मंदिर में होती है राशि का सदुपयोग
मंदिर ट्रस्ट द्वारा इस दानराशि का उपयोग मंदिर के विकास कार्यों, भक्तों की सुविधाओं के विस्तार, धार्मिक आयोजनों, और सेवा कार्यों में किया जाता है। ट्रस्ट का उद्देश्य है कि श्रद्धालुओं की भेंट स्वरूप अर्पित प्रत्येक राशि का सदुपयोग हो और मंदिर परिसर को आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाकर सभी के लिए सुगम बनाया जा सके।
मंदिर में उमड़ती है श्रद्धालुओं की भीड़
धनोप माता मंदिर क्षेत्र के एक आस्था केंद्र के रूप में जाना जाता है। नवरात्र, चैत्र व अश्विन मास में यहाँ विशेष मेले और धार्मिक आयोजन होते हैं, जिनमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं।