जिला कलक्टर आलोक रंजन की अध्यक्षता में विभागीय समन्वय बैठक सम्पन्न
मंगलवार, 19 अगस्त 2025
संपर्क पोर्टल पर लंबित प्रकरणों की स्थिति, जन शिकायतों के निस्तारण, करना पहली प्राथमिकता-जिला कलक्टर
चित्तौड़गढ़, 18 अगस्त ( कैलाश चंद्र सेरसिया )। जिला कलक्टर श्री आलोक रंजन की अध्यक्षता में मंगलवार को जिला परिषद सभागार में जिला स्तरीय विभागीय समन्वय बैठक आयोजित हुई। बैठक में संपर्क पोर्टल पर लंबित प्रकरणों की स्थिति, जन शिकायतों के निस्तारण, राज्य एवं केन्द्र सरकार के पोर्टलों पर दर्ज प्रकरणों एवं फ्लैगशिप योजनाओं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई।
जिला कलक्टर आलोक रंजन ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि संपर्क पोर्टल एवं अन्य पोर्टलों पर दर्ज शिकायतों का त्वरित एवं समयबद्ध निस्तारण किया जाए। 30 दिवस से अधिक लंबित प्रकरणों का प्राथमिकता से निस्तारण सुनिश्चित हो।ई-फाइल का अधिकतम उपयोग करते हुए सभी कार्य ऑनलाइन प्रक्रिया से सम्पन्न किए जाएँ। जनसुनवाई के लंबित प्रकरणों का शत-प्रतिशत निस्तारण आगामी जनसुनवाई से पूर्व किया जाए।
उन्होंने कहा कि औसत निस्तारण समय में सुधार तथा संतुष्टि प्रतिशत बढ़ाने के लिए परिवादियों से संवाद व परामर्श आवश्यक है। राज्य एवं केन्द्र स्तर से प्राप्त प्रकरणों की निगरानी अधिकारी स्वयं करें।
बैठक में जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की गई।
विद्युत विभाग को कुसुम योजना के लक्ष्य अनुसार प्रगति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। महिला अधिकारिता विभाग को लाड़ो प्रोत्साहन योजना के तहत बालिका जन्म को प्रोत्साहित करने हेतु कार्ययोजना बनाने को कहा। कृषि एवं उद्यानिकी विभाग को पॉलीहाउस, ड्रिप सिंचाई, फार्म पॉन्ड व तारबंदी योजनाओं में लाभ वितरण शीघ्र करने के निर्देश दिए। पंचायती राज व ग्रामीण विकास विभाग को जल संरचनाओं, स्वच्छ भारत मिशन, अटल ज्ञान केंद्र, स्वामित्व योजना व मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना की प्रगति में तेजी लाने के निर्देश दिए। स्वायत्त शासन विभाग को शहरी स्वच्छता मिशन में घर-घर कचरा संग्रहण और पिंक टॉयलेट निर्माण के लक्ष्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने कहा कि 'हरियालो राजस्थान' अभियान के अंतर्गत सभी विभाग अपने-अपने लक्ष्य अनुसार पौधारोपण कर उसका जियो-टैग सुनिश्चित करें।
निराश्रित पशुओं के लिए कड़े निर्देश
जिला कलक्टर ने नगर परिषद को निर्देशित किया कि सड़क पर विचरण करने वाले निराश्रित पशुओं को गोशालाओं में सुरक्षित पहुँचाया जाए। यदि गोशालाएँ निराश्रित पशुओं को लेने से मना करें, तो राज्य सरकार उनके अनुदान की 10 प्रतिशत राशि रोक सकती है। नगर परिषद कांजी हाउस या बाड़ा बनाकर भी पशुओं की व्यवस्था कर सकती है।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन प्रभा गौतम, सीईओ जिला परिषद विनय पाठक, प्रशिक्षु आईएएस रविन्द्र मेघवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरिता सिंह, एडीएम (भू.अ.) रामचंद्र खटीक सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।