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गिव अप अभियान की ऐतिहासिक सफलता — 31 लाख से अधिक अपात्रों ने स्वेच्छा से छोड़ी खाद्य सुरक्षा, अभियान की अवधि 31 अक्टूबर तक बढ़ाई गई

गिव अप अभियान की ऐतिहासिक सफलता — 31 लाख से अधिक अपात्रों ने स्वेच्छा से छोड़ी खाद्य सुरक्षा, अभियान की अवधि 31 अक्टूबर तक बढ़ाई गई



चित्तौड़गढ़, 04 सितम्बर (कैलाश चंद्र सेरसिया) । राज्य में संचालित गिव अप अभियान सामाजिक न्याय, खाद्य सुरक्षा सूची शुद्धिकरण, स्वैच्छिक त्याग की भावना एवं निर्धनों की सेवा का पर्याय बन गया है। इस अभियान ने सक्षम तबके को गरीबों के अधिकारों के प्रति संवेदनशील बनाया है और समाज में सहयोग एवं समन्वय की नई मिसाल कायम की है।

राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री सुमित गोदारा ने बताया कि इस अभियान के तहत अब तक 31 लाख से अधिक अपात्र लाभार्थियों ने स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा का त्याग किया है, जिससे लगभग 60 लाख नए पात्र परिवारों को खाद्य सुरक्षा से जोड़ा गया है। इन लाभार्थियों को प्रतिमाह 5 किलोग्राम निःशुल्क गेहूं के साथ-साथ मुख्यमंत्री रसोई गैस सब्सिडी योजना, मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना एवं मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना जैसी कई कल्याणकारी योजनाओं का भी लाभ मिल रहा है। अपात्रों के त्याग से राज्य को लगभग 568 करोड़ रुपये की राजकोषीय बचत हुई है, जिसे पात्र लाभार्थियों के कल्याण पर व्यय किया जा रहा है।

गिव अप अभियान की ऐतिहासिक सफलता को देखते हुए इसकी अवधि अब 31 अक्टूबर 2025 तक बढ़ा दी गई है।

जिला स्तर पर उपलब्धियां
जिला रसद अधिकारी चित्तौड़गढ़ ने बताया कि जिले में अब तक 59,562 सक्षम लाभार्थियों ने खाद्य सुरक्षा छोड़ी है, जबकि 1,24,124 नए पात्र लाभार्थियों को एनएफएसए से जोड़ा गया है।

कड़ी कार्रवाई की तैयारी
श्री गोदारा ने कहा कि पात्रता सत्यापन के लिए प्रवर्तन एजेंसियां डोर-टू-डोर जांच करेंगी। अपात्र लाभार्थियों की सूची सार्वजनिक स्थलों पर चस्पा की जाएगी तथा नोटिस जारी कर गेहूं वसूली की विधिक कार्रवाई शुरू की जाएगी। 31 अक्टूबर तक स्वेच्छा से गिव अप नहीं करने वाले अपात्र लाभार्थियों से 1 नवम्बर से ₹30.57 प्रति किलोग्राम की दर से गेहूं वसूला जाएगा।

नाम जोड़ने व हटाने की सरल प्रक्रिया
पहली बार नाम हटाने की प्रक्रिया की तरह नाम जोड़ने की प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है। पात्र व्यक्ति अब ई-मित्र के साथ-साथ https://food.rajasthan.gov.in पोर्टल पर भी आवेदन कर सकते हैं। जांच के लिए शहरी एवं ग्रामीण स्तर पर दल गठित किए गए हैं।

*विजिलेंस कमेटी और पर्यवेक्षण*
गेंहू वितरण पर निगरानी के लिए गठित सतर्कता समितियों को अभियान में सक्रिय भागीदारी के लिए जोड़ा गया है। इसके साथ ही उपायुक्त एवं संभागीय स्तर के अधिकारियों द्वारा नियमित पर्यवेक्षण किया जा रहा है। मंत्री स्तर पर अब तक 25 जिलों का दौरा कर वस्तुस्थिति का फीडबैक लिया जा चुका है।

प्रचार-प्रसार एवं जागरूकता
जिला स्तर पर अभियान को सफल बनाने के लिए बैठकें, उचित मूल्य दुकानदारों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय, सोशल मीडिया के माध्यम से जनजागरूकता और क्षेत्रीय भाषाओं में सूचना प्रसार सुनिश्चित किया जा रहा है।

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