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श्रीशिवमहापुराण की कथा सुनने, गाने से लोक और परलोक दोनों मंगलमय होते है। =श्री मोरारी बापू

श्रीशिवमहापुराण की कथा सुनने, गाने से लोक और परलोक दोनों मंगलमय होते है। =श्री मोरारी बापू

बिजयनगर (रामकिशन वैष्णव) कथा व्यास श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर श्री दिव्य मोरारी बापू ने संगीतमय श्री शिव महापुराण कथा में श्री शिव महापुराण माहात्म्य पर विस्तृत वर्णन किया। श्री दिव्य सत्संग मंंडल श्री मंशापूर्ण हनुमान मंदिर सेक्टर नंबर 2, 3 तलवंडी कोटा (राजस्थान)द्वारा आयोजित कथा मे कथा व्यास श्री दिव्य मोरारी बापू ने बताया कि श्रीशिवमहापुराण समस्त पुराणों  का तिलक है। जिसे शिव की भक्ति और प्रसन्नता चाहिए, वे श्रीशिवमहापुराण अवश्य सुनें।
श्रीशिवमहापुराण सुनने से भक्ति, ज्ञान, वैराग्य की प्राप्ति होती है।
श्रीशिवमहापुराण सुनने गाने से अंत में शिवलोक की प्राप्ति अवश्य होती है।
श्रीशिवमहापुराण सुनने से 
ज्ञाताज्ञात पाप नष्ट हो जाते हैं। जो व्यक्ति श्रीशिवमहापुराण सुनता है वो संसार में सभी सुख भोगने की अंत में परमधाम को प्राप्त करता है। श्री शिव महापुराण सुनने गाने से धर्म,अर्थ, काम,मोक्ष चतुर्विध पुरुषार्थ की प्राप्ति होती है। कलियुग के जीवों के मंगल के लिए श्रीशिवमहापुराण भगवान् शंकर की कथा अमृत के समान है मंगल करने वाली है। श्री शिव महापुराण की कथा सुनने गाने से लोक और परलोक दोनों मंगल होता है। इस दौरान दिव्य सत्संग आयोजक व व्यवस्थापक श्री घनश्यामदास जी महाराज सहित दिव्य सत्संग पदाधिकारी व कई श्रद्धालु मौजूद थे।

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