धुँवालिया में गाजे बाजे के साथ बारात लेकर पहुंचे शालिग्राम, तुलसी संग हुआ विवाह
प्रकृति और धर्म से जुड़ा विवाह संस्कार वर्षो से जारी हैं। धर्म के रूप शालिग्राम जी का विवाह हिन्दू धर्म मे पवित्र माने जाने वाले तुलसी के साथ आयोजित होता हैं। जहां आम विवाह के रूप में बैंड बाजो के साथ बारात पहुंचती हैं। फेरे होते हैं। और अंत मे विदाई की रस्म भी अदा की जाती हैं।
भीलवाड़ा | धुवालिया गांव में यजमान कैलाश प्रजापत के घर तुलसी विवाह का आयोजन हुआ। प्रकृति और धर्म से जुड़े इस विवाह समारोह के दौरान आस्था के प्रतीक तुलसी विवाह में समस्त ग्रामवासीयो ने बढ़चढ़ कर भाग लिया।
तुलसी विवाह के दौरान आम विवाह की भांति यजमान कैलाश प्रजापत के निवास पर सम्पन्न हुआ। प्रजापत परिवार एवं समस्त ग्रामवासी बैंड बाजे के साथ भगवान शालिग्राम और ठाकुर जी के रथ के साथ नाचते-गाते बारात लेकर पहुंचे। इस अवसर पर पंडित जगदीश दाधीच नि.कुंडिया कलां ने विधि-विधान के साथ मां तुलसी और शालगराम जी का विवाह संपन्न कराया। वरमाला की रस्म के बाद हवन कुंड के चारों ओर तुलसी के पवित्र पौधे और शालगराम जी को गोद में लेकर सात फेरे कराए गए।
इस दौरान हवन पूजन का भी आयोजन किया गया। परिवार ने तुलसी माता को उपहारों के साथ विदाई दी। समस्त ग्रामवासियों में प्रसाद का वितरण किया गया। परंपरागत विवाह के लिए तुलसी के पौधे को साड़ी और आभूषण पहनाए एवं ठाकुरजी को भी आकर्षक ढंग से सजाया गया था।