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भीषण गर्मी में मरीजों को मिली राहत, जिला कलक्टर के निर्देश पर अस्पताल प्रशासन ने किए व्यापक बदलाव

भीषण गर्मी में मरीजों को मिली राहत, जिला कलक्टर के निर्देश पर अस्पताल प्रशासन ने किए व्यापक बदलाव

भीलवाड़ा, 19 अप्रैल: भीषण गर्मी के प्रकोप को देखते हुए महात्मा गांधी चिकित्सालय में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों को बड़ी राहत मिली है। जिला कलक्टर जसमीत सिंह संधू के निर्देशों पर अस्पताल प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिससे मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय प्रबंधन और आरामदायक वातावरण मिल सकेगा।

अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर अरुण गौड़ ने बताया कि गर्मी को देखते हुए अस्पताल के कामकाज और सुविधाओं में विशेष परिवर्तन किए गए हैं। इसके तहत अब आउटडोर में रक्त जांच के नमूने सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक लिए जाएंगे। मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, दोपहर 2 बजे से 3 बजे तक लेबोरेटरी में विशेष सुविधा उपलब्ध रहेगी, जहां वे अपने सैंपल दे सकेंगे।

लू और तापघात (हीटस्ट्रोक) से पीड़ित मरीजों के लिए अस्पताल प्रशासन ने 24 घंटे सीबीसी, मलेरिया और डेंगू जांच की सुविधा उपलब्ध कराई है। वहीं, आउटडोर में आने वाले मरीजों के लिए एक्सरे की सुविधा पूरे समय जारी रहेगी, जिससे उन्हें इस महत्वपूर्ण जांच के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

अस्पताल के वार्डों में भर्ती मरीजों और उनके तीमारदारों को गर्मी से बचाने के लिए वार्ड प्रभारियों को प्रत्येक वार्ड में पर्याप्त पंखे और कूलर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। डॉक्टर गौड़ ने स्पष्ट किया कि लापरवाही पाए जाने पर संबंधित वार्ड प्रभारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मातृ एवं शिशु इकाई हरिशेवा छाया में मरीजों के तीमारदारों के लिए दो बड़े कूलर लगाए गए हैं, जबकि मेल मेडिकल वार्ड, फीमेल मेडिकल वार्ड और मेटरनिटी वार्ड सहित अन्य बड़े वार्डों में स्पेशल बड़े पंखे और टेबल फैन उपलब्ध करवाए गए हैं। अस्पताल के गलियारों में भी पंखे लगाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है।

गर्मियों में लू और तापघात के मरीजों की संभावित वृद्धि को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने 30 बेड का वातानुकूलित (AC) वार्ड आरक्षित किया है, जहां ऐसे मरीजों को तत्काल और प्रभावी उपचार मिल सकेगा।

बिजली आपूर्ति को सुचारू बनाए रखने के लिए ट्रांसफार्मर और डिजिटल जनरेटर की एएमसी और सीएमसी का कार्य किया जा रहा है, ताकि किसी भी तकनीकी खराबी के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित न हो।

डॉक्टर अरुण गौड़ ने बताया कि इन सभी व्यवस्थाओं का उद्देश्य भीषण गर्मी में मरीजों और उनके परिजनों को हर संभव राहत पहुंचाना है और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करना है। उन्होंने सभी कर्मचारियों को इन व्यवस्थाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने और मरीजों की सुविधा का ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं।

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