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बालश्रम उन्मूलन अभियान "उमंग-5" के तहत गंगरार में दो बालश्रमिक मुक्त

बालश्रम उन्मूलन अभियान "उमंग-5" के तहत गंगरार में दो बालश्रमिक मुक्त



चित्तौड़गढ़, 17 जून (कैलाश चंद्र सेरसिया)। जिले में 01 जून से 30 जून 2025 तक पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में बालश्रम, बंधुआ मजदूरी एवं मानव दुर्व्यापार उन्मूलन हेतु "उमंग-5" विशेष अभियान संचालित किया जा रहा है। इसी क्रम में गंगरार थाना क्षेत्र में संयुक्त टीम द्वारा दो बालश्रमिकों का रेस्क्यू कर उन्हें मुक्त कराया गया।

यह कार्रवाई पुलिस थाना गंगरार, बाल अधिकारिता विभाग, चाइल्ड हेल्पलाइन एवं जनसाहस संस्थान की संयुक्त टीम द्वारा की गई।

मंगलवार को गंगरार थाना क्षेत्र अंतर्गत रीको चौराहे पर स्थित एक ढाबे पर कार्यरत दो नाबालिग बच्चों को रेस्क्यू किया गया, जिन्हें भट्टी पर रोटियाँ बनाने जैसे जोखिमपूर्ण कार्यों में लगाए जाने की पुष्टि हुई।

 रेस्क्यू के दौरान बच्चों ने बताया कि वे स्थायी रूप से वहीं रहकर ढाबे पर प्रातः 9 बजे से रात 11 बजे तक (लगभग 13-14 घंटे) लगातार कार्य करते थे, जिससे उनका मानसिक, शारीरिक एवं भावनात्मक शोषण हो रहा था।


चाइल्ड हेल्प लाइन जिला समन्वयक नवीन काकडदा ने बताया कि पुलिस थाना गंगरार द्वारा होटल मालिक के विरुद्ध किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 एवं बालश्रम प्रतिषेध एवं विनियमन अधिनियम 1986 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। रेस्क्यू किए गए दोनों बच्चों को बाल कल्याण समिति, चित्तौड़गढ़ में प्रस्तुत किया गया, जहाँ से राजकीय किशोर गृह, चित्तौड़गढ़ में उन्हें अस्थायी आश्रय प्रदान किया गया है।

रेस्क्यू दल में शैतान सिंह (थाना गंगरार), एएसआई रोहिताश, करण जीनवाल (काउंसलर, चाइल्ड हेल्पलाइन) एवं 
संदीप कुमार (जनसाहस संस्थान) के सदस्य
सम्मिलित थे।

यह कार्यवाही बालश्रम उन्मूलन की दिशा में एक सशक्त कदम है एवं जिले में बच्चों के अधिकारों की रक्षा हेतु प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।




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