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सीताफल उत्कृष्टता केंद्र पर दो दिवसीय कृषक–वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम आयोजित

सीताफल उत्कृष्टता केंद्र पर दो दिवसीय कृषक–वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम आयोजित

चित्तौड़गढ़, 27 अगस्त (कैलाश चंद्र सेरसिया)। सीताफल उत्कृष्टता केंद्र चित्तौड़गढ़ पर दो दिवसीय कृषक–वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन बुधवार को किया गया, जिसमें अनुसूचित जाति वर्ग के लगभग 30 कृषकों ने भाग लिया। कार्यक्रम में कृषकों को कृषि, उद्यानिकी एवं पशुपालन से संबंधित नवीनतम जानकारियाँ प्रदान की गईं, साथ ही जल संरक्षण, जल प्रबंधन एवं विभागीय योजनाओं के बारे में भी मार्गदर्शन दिया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ उप निदेशक कृषि एवं परियोजना निदेशक आत्मा डॉ. प्रेमचंद वर्मा ने किया। उन्होंने आत्मा योजना की जानकारी देते हुए कृषकों से कृषक पुरस्कार हेतु आवेदन करने की अपील की।

संयुक्त निदेशक कृषि दिनेश कुमार जागा ने प्राकृतिक खेती एवं कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। इसी क्रम में उप निदेशक उद्यान डॉ. शंकरलाल जाट ने उद्यान विभाग की योजनाओं के साथ-साथ पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक आवेदन करने हेतु कृषकों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने जल बचत योजनाओं जैसे – डब्ल्यूएचएस, संरक्षित खेती एवं माइक्रो इरिगेशन के लाभ लेने की अपील की।

कार्यक्रम में उप निदेशक आईपीएम डॉ. ओमप्रकाश शर्मा ने ट्राईकोडर्मा के उपयोग पर बल दिया। वहीं पशुपालन विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने मौसमी बीमारियों के लक्षण एवं उनके उपचार की जानकारी दी।

इस अवसर पर आत्मा परियोजना के उप परियोजना निदेशक डॉ. हरीश कुमार टांक, कृषि अधिकारी नवनीना शेखावत, दिनेश झंवर सहित विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।



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