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फूलडोल शोभायात्रा में उमड़ा भक्तों का सैलाब -आस्था के साथ 100 सालों से लगातार हो रहा आयोजन

फूलडोल शोभायात्रा में उमड़ा भक्तों का सैलाब -आस्था के साथ 100 सालों से लगातार हो रहा आयोजन


बिजौलियां(जगदीश सोनी)।होली पर दिन में जहां लोग अपने परिचितों और परिवारजनों के साथ होली खेल कर लौकिक रंगों में रंग गए।वहीं रात्रि को अपने आराध्य  अष्टभुजाधारी बांके बिहारी श्रीचारभुजानाथ की फूलडोल शोभायात्रा में ठाकुर जी के साथ रंग,गुलाल और गुलाब के फूलों से होली खेल कर आध्यात्मिक रंग में सराबोर हो गए।चारभुजा मन्दिर से शुरू हुई शोभायात्रा में बैंडबाजे,ढोल-नगाड़ों और चांदी के विमान में विराजमान ठाकुर जी के साथ हजारों श्रद्धालु भजनों की धुन  पर नाचते-गाते चारभुजानाथ के जयकारे लगाते हुए साथ चल रहे थे।रास्ते में जगह-जगह श्रद्धालुओं द्वारा ठाकुर जी की आरती कर नजराना भेंट किया गया।ग्राम पंचायत चौक पहुंचने पर संकट मोचन हनुमान मण्डल द्वारा पुष्पवर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया गया। 
यहां पर करीब एक घण्टे तक महिला-पुरुषों और युवक-युवतियों को  ठाकुर जी के विमान की परिक्रमा करते हुए भजनों पर नृत्य करते देख मथुरा, वृंदावन , नंदगांव और बरसाना की होली का दृश्य साकार हो गया। महाआरती के बाद शोभायात्रा पुनः चारभुजा मन्दिर पहुंची।जहां ठाकुरजी की आरती कर प्रसाद वितरित किया गया।इस मौके पर ठाकुरजी की प्रतिमा का आकर्षक श्रृंगार कर रजत पोशाक धारण करवाई गई।
गौरतलब है कि बिजौलियां के तत्कालीन शासक राव सवाई श्री कृष्ण सिंह जी के समय हुए चारभुजा मन्दिर निर्माण के बाद से ही आस्था और श्रद्धा के साथ फूलडोल महोत्सव का आयोजन पिछले करीब 100 सालों से लगातार किया जा रहा हैं।यहां विराजित चारभुजा नाथ की प्रतिमा भी दुर्लभ और चमत्कारिक हैं।चारभुजा की सभी प्रतिमाओं में चार हाथ होते हैं लेकिन ठाकुर जी की इस प्रतिमा में आठ हाथ है।इसलिए भक्त इन्हें अष्ट भुजाधारी बांके बिहार चारभुजा के नाम से ही पुकारते हैं।सबसे विलक्षण बात यह हैं कि ठाकुर जी जिस गरुड़ पर विराजित हैं वो  पक्षी रूप में न हो कर मनुष्य रूप में हैं।जन-जन की आस्था के केंद्र चारभुजानाथ मन्दिर की सेवा-पूजा का कार्य पीढ़ियों से पाराशर ब्राह्मण समाज के पुजारियों द्वारा बारी-बारी से किया जा रहा हैं।

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