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बढ़ेगी बस्सी बांध की भराव क्षमता, भूजल संरक्षण,सिंचाई, पेयजल एवं भूजल पुनर्भरण के लिए लिखा पत्र।

बढ़ेगी बस्सी बांध की भराव क्षमता, भूजल संरक्षण,सिंचाई, पेयजल एवं भूजल पुनर्भरण के लिए लिखा पत्र।

बढ़ेगी बस्सी बांध की भराव क्षमता 

भूजल संरक्षण,सिंचाई, पेयजल एवं भूजल पुनर्भरण के लिए लिखा पत्र

चित्तौड़गढ़ जिले के बस्सी बांध की भराव क्षमता बढ़ाने,
 भू जल संरक्षण, सिंचाई पेयजल एवं भूजल पुनर्भरण के लिए देश के प्रधानमंत्री और जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह को पत्र लिखकर अवगत करवाया 


उक्त विषय में प्रधानमंत्री कार्यालय सचिव ने राजस्थान उप मुख्य सचिव
रमेश चंद्र बंसल तथा जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार आयुक्त अमित कुमार झा ने राजस्थान सरकार के सचिव जल संसाधन को पत्र लिखकर उक्त पत्र पर कार्य करने के निर्देश दिये।

आपको बता दें कि बस्सी भाजपा इकाई के पूर्व अध्यक्ष इंद्र सिंह चुंडावत द्वारा इसी वर्ष 8 मार्च को प्रधानमंत्री के नाम पत्र लिखा
 उसमें बस्सी बांध की भराव क्षमता बढ़ाने , भूजल संरक्षण, सिंचाई, पेयजल तथा भू-जल पूनर्भरण करवाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जलशक्ति मंत्री को पत्र लिखा ।

उन्होंने बताया कि चित्तौड़गढ़ जिले कि बस्सी तहसील कृषि प्रधान क्षेत्र है
 जहां बस्सी बांध की पाल का निर्माण नहीं हुआ है
 क्योंकि बिसलपुर केचमेंट एरिया होने के कारण रोक लगा रखी है। 
जबकि यह बांध बीसलपुर योजना के पहले ही सिंचाई उपयोग के लिए निर्माण कराया गया था।
 उस समय अधिक वर्षा होने से पाल चादर का निर्माण नहीं करा सके
 तत्पश्चात बीसलपुर पेयजल योजना की स्वीकृति होने के कारण केचमेंट एरिया में रोक लगा दी गई।
 जिसके लिए पाल निर्माण एवं बस्सी बांध की 1 मीटर भराव क्षमता बढ़ाने के लिए पिछले तीन दशकों से क्षेत्र के किसानों द्वारा लगातार मांग की जा रही है।


इससे पहले भी 14 फरवरी 2003 को 
एवं 2015 में भी सरकार आपके द्वार में भी मांग की थी।

बीसलपुर बांध बनने के पश्चात बस्सी बांध की पाल निर्माण कर भराव क्षमता 1 मीटर बढ़ा दी जाती है
 तो अगस्त-सितंबर तक पानी भरा रहेगा। 
अक्टूबर में उक्त पानी को नहर एवं पाइप लाइन द्वारा क्षेत्र के पालका तालाब, शिव सागर तालाब, बस्सी देव सागर तलाई, घोसुंडी तालाब में जल संरक्षण एवं पुनर्भरण किया जा सकता है।
 जिससे भूमि का जलस्तर ऊंचा होगा। 
किसानों द्वारा एक अतिरिक्त पिलाई की जा सकती है।

 साथ ही बढ़ती जनसंख्या की पेयजल मांग एवं आपूर्ति की आवश्यकता के अनुसार हर घर जल योजना और पशु पक्षी वन्यजीव जल जीवन तथा जल, जंगल और जमीन की रक्षा के साथ-साथ क्षेत्र का भौगोलिक आर्थिक स्तर ऊंचा होगा।
जिससे क्षैत्र का विकास होगा।

मेवाड़ केसरी न्युज बस्सी चित्तौड़गढ़ से रतन हंसराज की रिपोर्ट

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