भीलवाड़ा महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम जी उदासीन ने मकर संक्रांति पर गौशाला में तीन लाख का चेक प्रदान किया।
सोमवार, 15 जनवरी 2024
बिजयनगर (रामकिशन वैष्णव) भीलवाड़ा हरि शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर के महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन सोमवार को मकर सक्रांति के पर्व पर सीताराम गौशाला काईन हाउस पहुंचे। उन्होंने गौ पूजन कर गौ दर्शन एवं गौ सेवा की। रामगऊ को गुड़, हरा चारा व लापसी खिलाकर मकर सक्रांति का पर्व हर्षोल्लास से मनाया। साथ ही निराश्रितों एवं सरकारी हॉस्पिटल में अन्नक्षेत्र में तिल के लड्डू , खिचड़ी एवं बिस्किट के पैकेट वितरित किए। महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने बताया कि, गौ माता हिन्दू सांस्कृतिक एवं धार्मिक परंपरा में महत्वपूर्ण हैं। गौ सेवा धर्म, सामाजिक और पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने में मदद करती है, जिससे समृद्धि और सामरिक समरसता का सृजन होता है। उन्होंने मकर सक्रांति के अवसर पर मुस्कान फाउंडेशन की टीम द्वारा सीताराम गौशाला (काइन हाउस) व हरि शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर की गौशाला में सनातन संस्कृति के अनुरूप गौपूजन कर हरा चारा, गुड़, लापसी को गौ ग्रास में खिलाया। महामंडलेश्वर ने अपने जन्मदिन पर सीताराम गौशाला में 7 लाख रुपए की सेवा कार्यों की घोषणा की थी। मकर सक्रांति के पर्व पर तीन लाख रुपए की राशि का हरिशेवा धर्मशाला की ओर से चेक मुस्कान फाउंडेशन के सदस्यों को सौंपकर इस सेवा कार्य की शुरुआत की। महामंडलेश्वर ने गौशाला में सेवा करने वाले कर्मचारियों का स्वागत कर तिल के लड्डू का प्रसाद कंबल व नक़द राशि का वितरण किया। स्वामी जी सहित सभी भक्तों ने वहाँ रामधुनी ओर भजन कीर्तन किए। मुस्कान टीम द्वारा की जा रही गौसेवा कार्य की प्रशंसा की, उन्होंने सभी को गौ सेवा के लिए प्रेरित किया। संत मायाराम ने कहा कि, गौशाला में पांच लाख रुपये की लागत से टीन शेड, एक लाख रुपए की लागत से रामगऊ के खाने के पात्र व एक लाख रुपये की लागत से वृक्षारोपण करने के लिए फलदार व छायादार पौधे हो, जिससे पक्षी भी उसपर विश्राम कर दाना-पानी चुग सके आदि कार्यो की घोषणा की गई थी। वर्तमान में सीताराम गौशाला में लगभग 970 रामगऊ है जो नगर की सड़को व गली-मोहल्लों में बैठी रहती थी, रामगऊ को नगर परिषद की (काइन हाउस) में स्थित सीताराम गौशाला में सेवा के लिए छोड़ा जाता है। जहां इनकी मुस्कान टीम द्वारा निःस्वार्थ सेवा की जाती है। इस अवसर पर आश्रम के संत गोविंद राम, ब्रह्मचारी इंद्रदेव, कुणाल, सिद्धार्थ, मिहिर, सचिव हेमंत वच्छानी, पल्लवी वच्छानी, रवींद्र जाजू , चांदमल सोमानी, भारतीय सिंधु सभा के सदस्यों सहित अनेक भक्त उपस्थित थे।